2007 में Dhoni को कप्तान बनाये जाने की पीछे की ये बड़ी कहानी आयी सामने
जैसा कि आप लोगो को पता होगा महेंद्र सिंह धोनी को 2007 में टीम इंडिया का कप्तान बनाया गया था। महेंद्र सिंह धोनी पहली बार 2007 में भारतीय टीम की कप्तानी करने उतरे थे और उन्होंने पहली ही बार में ऐसी कप्तानी किया की भारतीय टीम को विश्वविजेता बना दिया। 2007 में कप्तान बनाए जाने के बाद धोनी की अगुवाई में भारत ने तीन ICC खिताब जीते, जिसमें 2007 टी-20 विश्व कप, 2011 वनडे विश्व कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी शामिल हैं। धोनी को 2007 में उस वक्त टीम इंडिया का कप्तान बनाया गया था, जब टीम के सीनियर खिलाड़ी भारतीय सेटअप से बाहर हो गए थे।
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और उसके बाद MS Dhoni को कप्तान बनाने का फैसला सही साबित हुआ और धोनी ने अपने कप्तानी से भारतीय टीम को नई ऊंचाइयों को हासिल करवाया और इसी वजह से MS Dhoni को विश्व के सबसे सफलतम कप्तानों में से एक माना जाता है। और इसी के बारे में पूर्व भारतीय चयनकर्ता भूपिंदर सिंह ने बात करते हुए कुछ बड़ा खुलासा किया है।
धोनी को 2007 में कप्तान बनाये जाने पर भूपिंदर सिंह का बयान
भूपिंदर सिंह ने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि, टीम में एक पसंदीदा विकल्प होने के अलावा आप खिलाड़ी के क्रिकेट कौशल, शारीरिक भाषा, सामने से नेतृत्व करने की क्षमता और मैन मैनेजमेंट कौशल को देखते हैं। हमने धोनी का खेल के प्रति दृष्टिकोण, बॉडी लैंग्वेज, दूसरों से कैसे बात करते हैं, देखा और हमें पॉजिटिव रिएक्शन मिला।
आपको बता दें कि धोनी की कप्तानी के बाद भारतीय टीम ने द्विपक्षीय सीरीज में तो अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन टीम अभी तक एक भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत सकी है। धोनी के बाद कप्तान बने विराट कोहली ने भारतीय क्रिकेट को नई ऊचाइंयों पर पहुंचाया, लेकिन उनके नेतृत्व में टीम आईसीसी ट्रॉफी जीतने में नाकाम रही।
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रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप खिताब जीतने से चूक गई। वहीं 2022 टी-20 वर्ल्ड कप में भी भारत को सेमीफाइनल में इंग्लैंड के हाथों हार मिली थी। इस साल भारत में वर्ल्ड कप खेला जाना है और भारतीय टीम खिताब की प्रबल दावेदार मानी जा रही है। ऐसे में रोहित शर्मा के नेतृत्व में भारतीय टीम के पास 10 साल बाद आईसीसी ट्रॉफी जीतने का मौका है।