ऐसे 5 भारतीय खिलाड़ी जिनको पॉलिटिक्स की वजह से नहीं मिले ज्यादा मौके
भारत में क्रिकेट की लोकप्रियता दिन ब दिन भर बढ़ती ही जा रही है। क्रिकेट का कोई भी प्रारूप हो भारतीय क्रिकेटरों ने क्रिकेट के हर प्रारूप में अपना लोहा मनवाया है। चाहे वह बात बल्लेबाजी की हो या गेंदबाजी की। लेकिन आज के दौर में क्रिकेट के T20 प्रारूप को ज्यादा पसंद किया जा रहा है। और इस प्रारूप में भी भारतीय क्रिकेटरों ने बहुत ही शानदार प्रदर्शन किया है।
हालांकि कुछ ऐसे क्रिकेटर्स भी रहे हैं जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत के दम पर सफलता पाई लेकिन दूसरे खिलाड़ियों की सफलता, उनकी फैन फॉलोइंग और क्रिकेट पॉलिटिक्स की वजह से उनका नाम फीका रह गया। आज के इस रिपोर्ट में हम ऐसे पांच खिलाड़ियों की बात करेंगे जिनको क्रिकेट का हर फैन चाहता था कि वह भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बने लेकिन उनको भारतीय क्रिकेट टीम में ज्यादा मौके नहीं दिए।
Sanju Samson (संजू सैमसन)
Sanju Samson एक बड़े ही लोकप्रिय भारतीय क्रिकेटर है जिनकी फैन फॉलोइंग अच्छी खासी देखी गई है इस खिलाड़ी ने अपना सिक्का आईपीएल में बहुत उछाला है लेकिन भारतीय क्रिकेट की तरफ से 2015 में अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू करने वाला यह खिलाड़ी भारत के लिए सिर्फ 28 मैच खेला है। ऐसा माना जाता है कि महेंद्र सिंह धोनी के जाने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम की स्ट्रांग विकेट कीपिंग संजू सैमसन के अलावा कोई नहीं कर सकता। लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में इस खिलाड़ी को प्लेइंग इलेवन में ही नहीं रखा गया था।
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जैसा कि हम सब जानते हैं कि ऋषभ पंत कार एक्सीडेंट की वजह से क्रिकेट खेल से थोड़े समय के लिए दूरी बनाए हुए हैं तो उसकी जगह पर इस खिलाड़ी को भारतीय क्रिकेट टीम ने मौके दिए जा सकते हैं लेकिन भारतीय क्रिकेट बोर्ड मैनेजमेंट और किसी दूसरे कारण कारणों की वजह से इस अनुभवी और टैलेंटेड खिलाड़ी को भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा ही नहीं बनाया। यहां तक की क्रिकेट फैंस भी यही उम्मीद लगाए हैं कि इस खिलाड़ी को भारतीय क्रिकेट टीम में ज्यादा से ज्यादा मौके मिले।
Ajit Agarkar (अजीत अगरकर)
1998 में भारतीय क्रिकेट में अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू करने वाला अजीत आगरकर एक बेहतरीन गेंदबाज थे। हालांकि यह सिर्फ 9 साल ही भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बन पाए। इस गेंदबाज ने जहीर खान से से भी ज्यादा विकेट अपने नाम पर किए हैं और वह गेंदबाजी के साथ साथ अच्छी बल्लेबाजी भी कर लेते थे।
अजीत अगरकर एक ऐसे इकलौते भारतीय गेंदबाज है जिन्होंने वनडे अंतरराष्ट्रीय10 मैचों में चार बार चार विकेट चटकाए हैं आज तक कोई भी भारतीय गेंदबाज इस रिकॉर्ड को नहीं तोड़ पाया है और इस गेंदबाज की गिनती दुनिया के बेहतरीन गेंदबाजों में की जाती है।
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गेंदबाजी के अलावा इस खिलाड़ी ने बल्लेबाजी में भी अपना झंडा गाड़ा है। अजीत आगरकर एक ऐसे भारतीय क्रिकेटर हैं जिन्होंने सबसे तेज अर्धशतक बनाया है। अजीत अगरकर ने 2000 में खेले गए जिंबाब्वे के खिलाफ एक वनडे मैच में कुल 21 गेंदों पर अर्ध शतक जड़ दिया था और 2002 में खेले गए इंग्लैंड के खिलाफ एक टेस्ट मैच में उन्होंने द लॉर्ड्स में शतक जुड़ा हुआ है। लेकिन ऐसे ऐसे हैरतअंगेज रिकॉर्ड्स के बाद भी इस टैलेंटेड खिलाड़ी को भारतीय क्रिकेट टीम में ज्यादा मौके नहीं दिए गए।
Murli Vijay (मुरली विजय)
मुरली विजय भारतीय रेलवे क्रिकेट का एक बड़ा ही शानदार खिलाड़ी रहा है हालांकि इस दिग्गज खिलाड़ी ने क्रिकेट के हर प्रारूप से संयास ले लिया है। लेकिन इसको भी बाकी खिलाड़ियों की तरह भारतीय क्रिकेट टीम में ज्यादा जगह नहीं मिली थी। मुरली विजय ने भारत के लिए कुल 61 टेस्ट मैचों में हिस्सा लिया जिसमें उन्होंने 3982 रन बनाएं है। इस खिलाड़ी ने बहुत सारी ऐसी परिया खेली है जिसमें उन्होंने अपने अकेले के दम पर पूरी टीम को जीतवाया है।
मुरली विजय ने भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 15 टेस्ट मैचों में भाग लिया जिसमें उन्होंने 1324 रन बनाए। इसमें उन्होंने हर पारी में अपना व्यक्तिगत स्कोर का आंकड़ा 150 से ऊपर रखा है फिर भी भारतीय क्रिकेट बोर्ड के मैनेजमेंट और आपसी भाईचारे की वजह से उनको भारतीय क्रिकेट टीम टीम में एक परमानेंट जगह नहीं मिल पाई और बहुत ही सीमित मोको में उनको शामिल किया गया।
Wasim Jaffer (वसीम जाफर)
वसीम जाफर रणजी ट्रॉफी इतिहास के एक बहुत ही सफल खिलाड़ी रहे हैं यह इकलौते खिलाड़ी है जिन्होंने रणजी ट्रॉफी में सबसे ज्यादा रन – 12038 बनाए हैं। और दूसरे नंबर पर आते हैं अमोल मजूमदार। वसीम जाफर इकलौते ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने रणजी ट्रॉफी के एक सीजन में दो बार 1000 रन से ज्यादा का स्कोर बनाया है। और इन्होंने ही रणजी ट्रॉफी में सबसे ज्यादा शतक 40 शतक लगाए हैं।
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भारतीय घरेलू क्रिकेट में अच्छा रिकॉर्ड रहने की वजह से उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल किया गया लेकिन उन्होंने सिर्फ भारत के लिए 31 टेस्ट मैच और दो वनडे मैच ही खेले हैं। वसीम जाफर ने टेस्ट मैच में 1944 रन बनाए जिसमें उसके 5 शतक भी शामिल है और गौर करने लायक बात यह है कि उन्होंने यह 31 टेस्ट मैच 9 साल के करियर में खेले हैं इससे पता लगता है कि बीसीसीआई मैनेजमेंट और पॉलिटिक्स की वजह से उसे टीम में ज्यादा मौके नहीं दिए गए थे।
Mayank Agarwal (मयंक अग्रवाल)
टेस्ट मैचों में भारतीय क्रिकेट टीम की तरफ से मयंक अग्रवाल एक बहुत ही बेहतरीन ओपनिंग बल्लेबाज हैं और इसी के साथ टी20 और वनडे प्रारूपों में मैं भी बड़ी ही बेहतरीन ओपनिंग की है इसके बावजूद भी मयंक अग्रवाल का नाम भारतीय क्रिकेट टीम में बहुत कम बार देखा गया है।
2018 से अपना टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने वाला ये खिलाड़ी भारत की तरफ से 36 टेस्ट पारियां खेल चुका जिसमें उन्होंने 1488 रन बनाए है जिसमें उनके चार शतक और दो दोहरे शतक भी शामिल हैं।
इस खिलाड़ी ने अपना आखिरी टेस्ट मैच 2022 22 मार्च को खेला था उसके बाद इस खिलाड़ी को भारतीय क्रिकेट टीम में कोई खास जगह नहीं मिल रही है लेकिन यह खिलाड़ी लगातार भारतीय घरेलू टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। लेकिन बीसीसीआई मैनेजमेंट और आपसी भाईचारे की वजह से इसकी जगह पर केएल राहुल को बार-बार मौके दिए जा रहे है जबकि उनका प्रदर्शन कुछ खास अच्छा नहीं रहा है।